: क्योंकि राष्ट्रपिता का मजाक बनाया जाना हमारी कांग्रेसी सरकार का खून नहीं खौलाता : ये चरम मूर्ति भंजन का दौर है. जमाना जितना आधुनिक हो रहा है, आदमी उतना ही गरिमाहीन और अमानवीय होता दिख रहा है. संवेदनाएं पुराने जमाने की बात हो गई लगती हैं. जिसने किसी दौर में कुछ अच्छा करने की कोशिश की, सच-सच बोलने-जीने का प्रयास किया, उसी को एजेंडे में ले लेने का चलन चल पड़ा है इस कथित आधुनिक दौर में.
आज के मनुष्यों, खासकर खाए-पिए-अघाए आदमियों के लिए सबसे बड़ा पैसा है. न विचार, न व्यवहार, न विजन. बस पैसा. भोग. वासना. लिप्सा. संसाधनों के मद में चूर ये लोग उनका भी मजाक उड़ाने से नहीं चूकते जिन्हें दुनिया भर के लोग नमन करते हैं. महात्मा गांधी सचमुच देवता जैसे हैं, जिन्होंने वो सब कर दिखाया जो किसी मनुष्य के बूते नहीं. उन्होंने मनुष्य के अंदर की अपार संभावनाओं को जिया. सचमुच, गांधी जैसा बन पाना, गांधी जैसा जी पाना आजकल के बौने लोगों के वश की बात नहीं. पर आजकल के सोच-विचार में बौने हो चुके लोग इतने ढीठ हो गए हैं कि बजाय किसी महापुरुष का आदर करने के, उनका मजाक उड़ाने में लग जाते हैं. बजाय अपनी रेखा बड़ी करने के, दूसरों की बड़ी रेखा को मिटाने में लग जाते हैं. महात्माओं से सीखने-पाने की बात तो छोड़िए, अब हम उनमें गलतियां खोजने लगे हैं. लेंस लगा लगा कर गांधी की कमियां ढूंढने की कोशिश की जा रही है. कोई उनके चरित्र और सेक्स लाइफ पर किताब लिख कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है तो कोई उनका वेश धारण कर भोंडा-भद्दा-गंदा प्रदर्शन करने में लगा है. और, ढेर सारे लोग तमाशबीन बन तालियां बजा रहे हैं.
यूट्यूब गूगल वालों की वेबसाइट है जिस पर कोई भी वीडियो अपलोड कर सकता है. इस आजादी का दुरुपयोग ढेर सारे लोग कर रहे हैं. खासकर विकसित देशों के लोग अगर इन सुविधाओं का इस्तेमाल विकासशील देशों के लोगों को चिढा़ने में करने लगे हैं, जैसा कि यूट्यूब पर गांधी के वीडियो के देखकर लग रहा है तो यह बेहद घटिया मानसिकता है. यूट्यूब पर गांधी के अपमान से संबंधित वीडियो में शीर्षक है Mohandas KaramChand Gandhi Doing Pole Dancing. इस शीर्षक से ही जाहिर हो रहा है कि किसी नीच आदमी ने गांधी जैसे शख्स का मजाक उड़ाने का प्रयास किया है. इस वीडियो में गांधी की तरह कपड़े पहने एक आदमी को नाचते-कूदते और पोल डांस करते दिखाया गया है. यह आदमी एक एक कर कपड़े फेंकने लगता है और लगभग अर्धनग्न होकर नृत्य करता है. उसकी पूरी कोशिश सामने बैठे लोगों को हंसाने की है और सामने बैठ महानीच लोग हंस भी रहे हैं. किसी देश के राष्ट्रपिता का ऐसा अपमान करने की छूट किसी को भी नहीं मिलनी चाहिए.
हम अपने धार्मिक महापुरुषों के कार्टून, उपहास को लेकर इतने संवेदनशील हो जाते हैं कि विरोधियों का सर कलम करने से लेकर दंगा मचा देने तक की कोशिश करने लगते हैं. पर महात्मा गांधी का अपमान हम चुपचाप देख लेते हैं. जाने क्या हो गया है हम भारतीयों को. भारत सरकार को तुरंत चाहिए कि वह गूगल और यूट्यूब के लोगों तक अपनी आपत्ति पहुंचाकर इस वीडियो को रिमूव कराए. खासकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को इस मुद्दे पर तुरंत सक्रिय हो जाना चाहिए. वैसे, बात किसी कांग्रेस और किसी सरकार की भी नहीं है. प्रत्येक भारतीय को इस दुष्कृत्य को करने वाले शख्स का पता लगाने में जुट जाना चाहिए और जहां भी वह मिले, उसे उसकी गलती का एहसास कराना चाहिए.
गांधीजी होते तो वे अपने उपहास उड़ाने वाले को मारने-काटने की बात नहीं करते. वह सिर्फ उसके गलत मनोभाव को दूर करने का प्रयास करते. क्योंकि गांधी जी का यकीन रहा है कि बुरे से बुरा आदमी भी बदला जा सकता है और उसे अच्छा बनाया जा सकता है. ऐसे में हमें गांधी का मजाक उड़ाने वाले शख्स को मारने-पीटने की बात सोचने की जगह उसे चिन्हित कर, उसका पता लगा कर उसके व्यक्तित्व, उसकी सोच पर अफसोस जता देना चाहिए. अगर उसमें थोड़ी भी संवेदना होगी तो वह खुद चुल्लू भर पानी में डूब मरेगा.
न चाहते हुए भी आपको गांधी जी का उपहास उड़ाने वाला यह वीडियो दिखाना पड़ रहा है ताकि आप जान सकें, देख सकें कि कोई कितना निकृष्ट तरीके से किसी संत का मजाक उड़ा सकता है. एक बार यह वीडियो देखने के बाद किसी संवेदनशील नागरिक का मन दूसरी बार इसे देखने का नहीं करेगा. पर जिनकी संवेदना मर गई है, वह वीडियो देखने के बाद हंसेगा, और फिर सब भूल जाएगा, जैसे कुछ हुआ ही न हो. वीडियो डालने वाले यूजर का नाम है TheMsUganda. इस वीडियो को इसी साल जून महीने में यूट्यूब पर अपलोड किया गया है. वीडियो के साथ जो कैप्शन लिखा गया है, वह इस प्रकार है- ‘‘Mohandas KaramChand Gandhi – The Racist Doing Pole Dancing. Mahatma Gandhi or Mohandas Karamchand Gandhi.” वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें.